तुम साथ चलती हो,
तुम्हें भूलकर कहाँ जाऊँ
तुम सोच बनती हो,
तुमसे बहाने क्या करूँ
तुम सब जानती हो,
तुमको हिदायत क्या लिखूँ
तुम नब्ज पकड़ती हो,
तुमसे उम्मीदें क्या करूँ
तुम फ़रियाद आखिरी हो,
तुमसे पैरवी क्या करूँ
मेरे काम करती हो,
तुमको समय क्या दूँ
तुम ही तो घड़ी हो,
तुमको तुम भी क्या कहूँ
तुम मुझमे बसी हो!
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