Monday, 22 January 2024

एक किरण

बिखर कर मेरे शब्दों से 
इन्द्रधनुष हो गई है,
7 रंग में विकीर्ण 
निष्ठुर- निह: अंकुश हो गई है,
बम गिरा रही है 
George Bush हो गई है,
भाव छोड़कर अहम मे 
पुरुष हो गई है,
पहुँच से है दूर 
महापुरुष हो गई है,

लाल रंग तमतमाइ
केसरी फन उठाई,
पीत धारण किया है 
सुदर्शन सहित,
आँख की पुतलियों मे
प्रदर्शी हरित,
बिश- बुझी नील जिह्वा 
हुई काल का प्रतीक,
रक्त-सिंचित ग्रीवा 
खट-लसित जामुनी 
तीव्र-आवृत्त तपित
कांत से बैंगनी,

निर्झर सी रसित
वो तपिश हो गई है,
व्योम-कपाल पर 
तनी भृकुटी सी 
वो खिचित हो गई है,
ब्रह्मांड का केंद्र बन कर 
स्वयं उचित हो गई है,
एक छोटी-सी किरण 
इन्द्रधनुष हो गई है!








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