जो गडबड़ी है,
उस परिस्थिति को
उस समस्या को
उस परेशानी को
सुलझा लूँगा,
उसको भी मना लूँगा,
उससे बात करूंगा
उससे हाल कहूँगा
उसको देकर एक मिठाई
उसको कहकर कोई किस्सा
मैं उसको फुसला लूँगा,
अब तक
खुद के मन को,
दिए हैं कई बहाने
आगे भी और बहाने देकर
उलझा लूँगा,
मैं सही को सही मे सुलझा लूँगा!
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