यह बात नहीं मतलब की,
इस बात की खाल
बाल जैसी ही महीन,
इस बात की आयु
रात का एक पलछिन,
ये कहने की बात
कोई कहना नहीं था,
इस बात को बताकर
कुछ बताना नहीं था,
किरदार हैं बातों में
अस्तित्व तो नहीं है,
संबाद हैं सभी के
व्यक्तित्व तो नहीं है,
ये बात की जुबां
तेरी बातों से आई,
इस बात की अहमियत
तुमसे ही है आई,
इन बातों को किसी से
बताना नहीं है,
महफ़िल में इनको
उठाना नहीं है,
नजर से ज़िक्र
कर न देना कहीं पर,
मेरी दोस्तों में फिक्र
कर न देना कहीं पर,
ये बैठक सफर का
सिरहाना नहीं है,
इन बातों का कोई
ठिकाना नहीं है,
इन बातों से कुछ भी
दिखाना नहीं है,
इन बातों को आगे
दुहराना नहीं है,
ये बड़ी कीमती हैं
भजाना नहीं है,
इन बातों का मतलब
तुम ही निकालो,
मुझे कुछ तुम्हें
समझाना नहीं है,
अन्यथा मत बनाना
बातों का शिवाला,
उस दर पर मुझे
सर नवाना नहीं है!
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