Sunday 10 March 2024

गलत

यह गलत है की 
उनके अनुसार न हुआ,
जो हुआ भी तो उनको 
मंजूर न हुआ,
उनको कहा भी तो 
मुझे डर से देखने लगे,
वो चले कुछ कदम 
मुड़ के झांकने लगे,
इस तरह वो मेरा 
हाथ थामने लगे,
दामन था मेरा 
पीछे उड़ता हुआ,
धर के हाथ उसको 
आँख पोछने लगे,
ये गलत है की हम 
उनसे बचने लगे,
आँख और भी थी नम 
उनको पोछने लगे,
माथे का तिलक 
खुद मिटाने लगे,
सब बढ़े एक तरफ 
हम और ही तरफ,
गलत हर गलत 
हम उठाने लगे,
कोटि पग की तरह 
दो पगों की तरफ,
मुट्ठीभर नमक
हम उठाने लगे!

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