मैं जागी सारी रात,
कुछ याद आ गई
मुझे पुरानी बात,
उनके वादे जो
मेरी चूनर को
फंदा बना देते,
मेरी ख्वाहिश जला
मेरे लिए
बंदा बना देते,
मेरी मेहनत को
मेरा वो कोई
दाना समझते हैं,
अपने पांव का
मुझको महज
ताना समझते हैं,
तुमने सुनि नहीं
मेरे कमरे की वो आवाज,
मैं हूं नही महज
जो तुम देखते हो आज!
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