Saturday, 10 February 2024

इतिहास

तुमसे मिलकर 
क्या कहूँगा,
किस चीज़ की 
याद होगी,
कौन-सी कविताएं 
तुम पढ़ोगी,
किस बात की 
मिन्नत मैं करूंगा,
कैसे तुम्हें मनाऊँगा,
कौन-सी दलील 
तुमको सुनाऊँगा,

तुम मिलोगी 
तो तुमको 
क्या कहकर 
बुलाऊँगा,
कौन-सी शरारत से 
दिल बहलाऊँगा,
कौन से इशारे 
मैं जानबूझकर 
अनदेखा कर दूंगा,
कौन-सी हरकतों से 
मैं बाज नहीं आऊंगा!

No comments:

Post a Comment

सुधार

तुम सुधर न जाना  बातें सुनकर जमाने की,  कहीं धूप में जलकर  सुबह से नजर मत चुराना,  ठंड से डरकर  नदी से पाँव मत हटाना,  कभी लू लगने पर  हवा स...