Thursday 29 February 2024

ज्वाला

ज्वाला की लपट सुनहरी 
ज्वाला का उन्माद प्रबल,
ज्वाला की है चकाचौंध 
ज्वाला में हैं नेत्र सजल,

ज्वाला के भीतर राख 
ज्वाला मे टूटे साख,
ज्वाला विध्वंश का आदि 
ज्वाला मिट्टी का अंत,

पहले दिखती ज्वाला 
पहले बनता आदर्श,
पहले हाथों से करताल 
फिर बाद में संघर्ष,

राम नाम का चोगा 
ज्वाला होती जल!


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