Thursday, 3 March 2022

चुप्पी

तुम्हारी चुप्पी है
बोलने वाली,
कुछ मुँह दबाकर
हँसने वाली,
Phone करने वाली
मगर बस सुनने वाली,

बात को बस बोलकर
महटियाने वाली,
जानने से बची और
सुनाने वाली,

बात कल की 
दिल पे रखकर
सालने वाली,
माफ कहके
माफ नहीं
करने वाली,

तुम्हारी चुप्पी है
कल से कल को 
तोड़ने वाली !

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