तुम्हारी बातें
लिखती है,
तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारे कहने के बाद,
मेरी कलम
तुमसे बातें करती है
मेरे बोलने से पहले
तुम्हारे कहने के बाद,
मेरी कलम को
शिकायत है तुमसे
कुछ लिखने के पहले
कुछ लिखने के बाद,
मेरी कलम
तुम्हारी कनीज़ है,
मेरा हाथ धर के रोती है,
स्याह मे तुम्हारी
डूबने के बाद।
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