मेरी car
हो गई थी खराब
रुक गई थी मै इसलिए,
हो गई थी मै
परेशान ज़रा–सी
मै आगे बढ़ गई
की Cycle की थी
दुकान इसलिए,
हम बातें कर रहे थे
गांधी की, भाभा की
और तुम्हारे interview की
पर देख नहीं पा रही थी
हिंदी पर तुम्हारा ध्यान इसलिए,
बेच पाओगे
कैसे car वालों को
अपनी बातों को
रखकर इत्मिनान,
कैसे समझेंगे
जो समझते हैं
जिंदगी को इम्तिहान,
वक्त को संग्राम
तुम आए दिल्ली
मेहरबान किसलिए?
No comments:
Post a Comment