Monday 28 March 2022

सही

किसने गलत किया
किसने किया नहीं
क्या कब सही रहा
क्या कब कभी नहीं?

क्या हंसना सिखा गया
क्या रोना जाने सही
क्या निधिश को प्रिय
क्या अप्रिय लगी?

क्या करना है?
कहां रुकना है?
क्या बोलना है
क्या नहीं?

यह वह के कारण है
या खुराफाती मेरा शरीर!
अब कब खुश होकर 
सबको माफ कर देगा
पता नहीं कब यह
अच्छा पढ़ लेगा,
देख लेगा और सुन लेगा,
फिर एक अच्छाई मे
सब सही और गलत का
भेद भुला देगा,

कब शरीर प्रेममय हो
पूरी श्रृष्टि मे व्याप्त हो
श्रृष्टि बन जायेगा?
कब सही के पीछे
भागना बंद
और गलत पर
नहीं चिल्लाएगा?

No comments:

Post a Comment

दो राहें

तुम चले सड़क पर सीधा  हम धरे एक पगडंडी, तुम्हारे कदम सजे से  हम बढ़े कूदते ठौर, तुमने थामी हवा की टहनियां  हम बैठे डिब्बे में संग, तुम संगीत...