Sunday, 6 March 2022

उड़ान

मैं उड़ जाता 
चिड़ियों के संग
मै पकड़–पकड़ के लाता,

मै उड़ने को अकुलाता
मैं उड़ता–उड़ता
उड़ ना पाता, 
उड़ने से डर जाता,

आतुर और सघन होकर 
चिल्लाता, उबियाता,
मैं पकड़–पकड़ कर लाता
उड़ता नहीं, न उड़ाता
डाली पर बैठता,
कुँक कोयलिया की 
मधुर–मधुर धुन,
गा–गाकर समझाता,

मै फिर–फिर उड़ता, 
मै पकड़–पकड़ कर लाता
मै राम-राम ही गाता।

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