तैरना उनको मुबारक
जो बिखर जायेंगे खुलकर
अपने विषयावेश मे,
मै खुदा के पंख लेकर
स्वच्छंद उड़ना चाहता हूं,
मै पवन मे ढीठ बनकर
हंस के गिरना चाहता हूं,
मै बेड़ियों की आरजू से
हट के खिलना चाहता हूं,
मै राम की पट्टी लगाकर
ऊपर उभरना चाहता हूं,
मै राम सेतु बनने को फिर से
पत्थर का जीवन चाहता हूं 😇
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