देख लिया कुछ,
कुछ तुमसे भी
खुशियों की
चोरी कर ली,
कुछ पल पढ़ाई से
छुप कर निकाला
एक कविता लिखी
वाह वाही कर ली,
कुछ क्षण उठाए
बगावत को मैने
अपने सुकून से
लड़ाई कर ली,
मैने देखा syllabus
थोड़ी देर तक
कुछ topics मैने
ताड़ों पे धर दी,
चोरी से सोया मै
चोरी से जागा,
और अपने मे
हेरा–फेरी–सी कर ली,
देखा वो मैने
जो नहीं देखनी थी,
सोचा वो मैने
जो नहीं सोचनी थी,
पर अपनी वजह को
वजह कुछ बताकर
मैने राम नाम की
कुछ चोरी कर ली।
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