Saturday, 9 April 2022

मेघालय से दिल्ली

मेघालय मे ठंडी थी
दिल्ली जाकर गर्म हो गई,
मेघालय ice–cream थी
दिल्ली जाकर पिघल गई,
मेघालय मे बादल थे
दिल्ली जाकर धुआं हो गए,
मेघालय मे झरने थे
दिल्ली जाकर यमुना हो गए,
मेघालय मे बस चलती थी
दिल्ली मे platform बन गई,
मेघालय की धीमी गाड़ी
दिल्ली जाकर express हो गई,
मेघालय मे बच्चे थे
दिल्ली जाकर क्रांति हो गई,
मेघालय मे fruit जूस
दिल्ली जाकर cocktail बन गई,
मेघालय की खुर्की अब
दिल्ली जाकर राफेल बन गई,
शिलांग की टूटी ओड़िया–हिंदी
JNU मे अंग्रेज़ बन गई,
अंग्रेजी पढ़ती दोस्त सरल थी
Spanish पढ़ दिलफेंक हो गई!

No comments:

Post a Comment

जिम्मेवारी

लेकर बैठे हैं  खुद से जिम्मेवारी,  ये मानवता, ये हुजूम, ये देश, ये दफ्तर  ये खानदान, ये शहर, ये सफाई,  कुछ कमाई  एडमिशन और पढ़ाई,  आज की क्ल...