Wednesday 20 April 2022

सफेद

रोशनी का रंग
अब सफेद है,
हरे और भगवे का
मेल भी सफेद है,
सफेद है रंग अब
पढ़ाई का स्कूल मे,
सफेद है समय भी आज
जुनून मूर्त रूप मे,
सफेद होती राजनीति
अरविंद और नरेंद्र की,
सफेद रंग ओढ़ती रहा है
मासूम की मुस्कान भी,

सफेद ही तो रंग मे थे
बुद्ध–महावीर भी,
सफेद रंग बापू का था
बोस की खादी का भी,
सफेद पटेल–नेहरु का
काम भी था साथ मे,
सफेद रंग साहेब का
हमारे संविधान मे,

सफेद ही बोलते थे
कबीर और रहीम जी,
सफेद रविदास थे
सफेद मीराबाई भी,
सफेद सूरदास थे
सफेद मानस–मंदिर भी,

सफेद टोपी डालकर
कलाम भी तो बढ़ गए,
सफेद रंग केसरी
भगत भी सूली चढ़ गए,
सफेद ही व्यक्तित्व था
माता टेरेसा का बना,
बापू की मुट्ठी से निकलके
सफेद ही नमक बना,

अब मिलाकर हाथ फिर
रंग दो सफेद मे,
देश की तरक्की को
ढाल दो सफेद मे,
सूर्य–चंद्र को मिलाकर
काल हो सफेद मे!

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